Jaya Kishori Bhajan Lyrics in Hindi
Bhajan Lyrics in Hindi
आज हरी आये, विदुर घर पावना॥
आज हरी आये, विदुर घर पावना॥
विदुर नहीं घर मैं विदुरानी ,आवत देख सारंग प्राणी ।
फूली अंग समावे न चिंता ॥ ,भोजन कंहा जिमावना ॥
केला बहुत प्रेम से लायीं, गिरी गिरी सब देत गिराई ।
छिलका देत श्याम मुख मांही ॥,लगे बहुत सुहावना,
इतने में विदुरजी घर आये ,खरे खोटे वचन सुनाये ।
छिलका देत श्याम मुख मांही ॥,कँहा गवांई भावना,
केला लीन्ह विदुर हाथ मांही,गिरी देत गिरधर मुख मांही ।
कहे कृष्ण जी सुनो विदुर जी ॥,वो स्वाद नहीं आवना,
बासी कूसी रूखी सूखी,हम तो विदुर जी प्रेम के भूखे ।
शम्भू सखी धन्य धन्य विदुरानी ॥,भक्तन मान बढावना,स्वर: जया किशोरी जी